प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सऊदी अरब के आले सऊद शासन के काले कारनामों की लिस्ट कम होती नज़र नहीं आ रही है। रियाज़ की सत्ता पर बैठे तकफ़ीरी विचारधारा के लोगों द्वारा शिया मुसलमानों पर किए जाने वाले अत्याचारों में हर दिन वृद्धि होती जा रही है। अभी कुछ वर्ष पहले ही आले सऊद शासन ने सऊदी अरब के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह बाक़िर अन्निम्र को मौत की सज़ा दी थी, जिसको लेकर पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस बीच एक बार फिर सऊदी अरब सरकार ने पवित्र नगर मदीने के शिया मुसलमानों के सबसे बुज़ुर्ग धर्मगुरु अल्लामा शेख़ काज़िम अलअमरी को दूसरी बार गिरफ़्तार कर लिया है। शेख़ काज़िम अलअमरी सऊदी अरब के प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु अल्लामा मोहम्मद अलअमरी के बेटे हैं। वह सऊदी अरब और पवित्र मदीना की प्रमुख धार्मिक हस्तियों में से एक हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में जब आले सऊद शासन के आतंकी सैनिकों ने पवित्र नगर मदीने में स्थित अल्लामा मोहम्मद अलअमरी के बाग़ पर हमला किया था, जहां एक धार्मिक केंद्र, मस्जिद और उनका कार्यालय है, तब भी अल्लामा शेख़ काज़िम अलअमरी को गिरफ़्तार कर लिया गया था। जिसपर पूरे सऊदी अरब में शिया मुसलमानों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। बता दें कि इधर कुछ समय से अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों को ख़ुश करने के लिए आले सऊद शासन के युवराज मोहम्मद बिन सलमान लगातार सऊदी अरब की धार्मिक हस्तियों, जिसमें शिया और सुन्नी दोनों शामिल हैं, को जेलों में डाल रहे हैं। वर्तमान में, कई सुन्नी और शिया विद्वान, राजनीतिक हस्तियां, क़ानूनी और सामाजिक कार्यकर्ता सऊदी अरब की जेलों में क़ैद हैं। ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब में शिया मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार हमेशा से होता चला आ रहा है, लेकिन सऊदी अरब के युवराज के रूप में "मोहम्मद बिन सलमान" के सत्ता में आने के बाद से, शिया मुसलमानों को सऊदी समाज के अन्य वर्गों के साथ बुरी तरह से दबाया और कुचला जा रहा है। (RZ)
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