जनरल हुसैन सलामी ने ज़ाहिदान ओलंपिक स्टेडियम में सीस्तान व ब्लोचिस्तान प्रांत के 15 हज़ार स्वयं सेवी बलों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम इंसान के चेहरे पर सज्जनता, प्रतिष्ठा, स्वतंत्रता और स्वाधीनता का निशान बनाना चाहते हैं तो एक सीस्तानी व ब्लोचिस्तानी इसी की एक निशानी है।
जनरल सलामी ने कहा कि जब देश के शीया और सुन्नी मुसलमान देश की जनता की रक्षा करते हुए एक साथ शहीद होते हैं और एक आतंकी घटना में मोमिन इंसानों का ख़ून आपस में मिल जाता है तो यहीं से मज़बूत एकता पैदा होती है।
उनका कहना था कि जब अमरीका, ज़ायोनी शासन और यूरोप के इशारे पर तकफ़ीरी आतंकवादियोंने सीरिया, लेबनान, इराक़ और यमन पर हमला किया तो यही स्वयं सेवी बल थे जो मैदाने जंग में पहुंचे और अपने घर बार छोड़ दिए और दुश्मन के दिल पर हमला किया और इन राष्ट्रों को विदेशियों के चंगुल से आज़ाद कराया।
जनरल सलामी ने कहा कि दुश्मन ने बहुत मीठे सपने देखे लेकिन उसे पता नहीं था कि इस ज़मीन में क्रांति मज़बूत है। (AK)
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