बसीज सप्ताह के अवसर पर शनिवार को तेहरान स्थित इमाम ख़ुमैनी हुसैनिया में बसीज संगठन के सदस्यों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयदुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहाः आप लोगों और भविष्य के बसीजियों से मैं कहता हूं कि आप लोग सिर्फ़ सामरिक क्षेत्र के लिए नहीं हैं, बल्कि आप लोगों को धर्म शास्त्र और विज्ञान के मैदान में भी सक्रिय रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में बसीजियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, हमारे परमाणु वैज्ञानिक भी बसीजी रहे हैं।
आयतुल्लाह ख़ामेनई का कहना था कि बसीजी लोगों की निष्ठा पूर्वक सेवा करते हैं और बिना किसी फल की आशा के राष्ट्र को अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं।
वरिष्ठ नेता का कहना था कि ईरान की लड़ाई दंगाइयों के एक समूह के साथ नहीं है, जिन्होंने हाल ही में देश में उपद्रव मचाया था, बल्कि मुख्य लड़ाई वैश्विक साम्राज्यवाद के साथ है।
उन्होंने उल्लेख किया कि देश में हालिया दंगे ईरान पर पश्चिम के दबाव का ही हिस्सा हैं, ताकि वह वार्ता में अपने अधिकारों से समझौता कर सके, जो वाशिंगटन की प्रतिबद्धता में कमी की वजह से गतिरोध का शिकार है।
कुछ लोग हैं, जो राजनीतिक रूप से जानकार होने का दावा करते हैं, लेकिन समाचार पत्रों और इंटरनेट पर उनके विश्लेषणों से वास्तव में दुख होता है। वे कहते हैं कि इन दंगों को समाप्त करने के लिए आपको अमरीका के साथ अपनी समस्याओं का समाधान निकालना होगा।
हालांकि अमरीका के साथ बातचीत से हमारी समस्याओं का समाधान नहीं निकलने वाला है। सिर्फ़ एक ही चीज़ अमरीका के साथ हमारी समस्याओं को हल कर सकती है, और वह है अमरीका को फिरौती देना। लेकिन सिर्फ़ एक ही बार फिरौती देना नहीं, बल्कि वे स्थायी फिरौती की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण देश है। 1979 की इस्लामी क्रांति ने औपनिवेशिक नीतियों के ख़िलाफ़ संतुलन बिठाया और अंहकारी शक्तियों के ख़िलाफ़ एक सुरक्षा कवच का गठन किया। हमारी क्रांति ने क्षेत्रीय लोगों के दिल और दिमाग़ को जीत लिया। msm
342/