AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
शुक्रवार

25 नवंबर 2022

6:28:54 pm
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संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद में ईरान विरोधी प्रस्ताव पर तेहरान की कड़ी प्रतिक्रिया

ईरान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी करके संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद में ईरान विरोधी प्रस्ताव के पारित होने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकार परिषद में ईरान विरोधी प्रस्ताव को पारित करने में कुछ पश्चिमी देशों की भूमिका की निंदा करते हुए कहा कि इन देशों ने अपने अल्पकालिक हितों को साधने के लिए एक बार फिर मानवाधिकार परिषद का दुरुपयोग किया है और इस प्रस्ताव को मानवाधिकार परिषद पर थोप दिया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद ने ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के पारित होने का मतलब यह है कि इस परिषद ने ईरान में फैलने वाली हिंसा और दंगों में तथाकथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए एक समिति के गठन पर सहमति जता दी है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 25 मत और विरोध में 6 मत पड़े, जबकि 15 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। चीन, पाकिस्तान, इरिट्रिया, वेनेज़ुएला, क्यूबा और अर्मेनिया ऐसे 6 देश थे जिन्होंने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट दिया। इस प्रस्ताव पर बहस के लिए हुई बैठक में, वेनेज़ुएला, ज़िम्बाब्वे, पाकिस्तान, चीन, सीरिया और रूस जैसे देशों ने इस परिषद पर दोहरे मानकों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

ईरान में कुर्द लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद भड़कने वाले दंगों और हिंसा में अमरीका के नेतृत्व वाले पश्चिमी गुट ने बड़ी भूमिका अदा की है और इस मुद्दे को इस्लामी व्यवस्था को कमज़ोर करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे ख़ुद अमरीकी विद्वानों ने स्वीकार किया है। अमरीका में राजनीतिक और सामाजिक मामलों के विद्वान नोम चॉम्स्की ने ईरान में अशांति फैलाने में अमरीका की भूमिका की पुष्टि करते हुए कहा थाः वाशिंगटन इस्लामिक गणतंत्र ईरान को कमज़ोर करने वाले हर प्रयास का समर्थन करता है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी अमरीका की यही कोशिश है कि वह ईरान की निंदा करे, ताकि ईरान में तथाकथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जांच का मुद्दा उठाया जा सके और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख को ख़राब किया जा सके। इस संदर्भ में ईरान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि जर्मनी और कुछ पश्चिमी देश, ग़लत समीकरणों, झूठी मीडिया रिपोर्टों और ईरान विरोधी लॉबी के दबाव में आकर इस प्रस्ताव को पेश करने में भागीदार रहे हैं। लेकिन अंत में इस राजनीतिक ग़लत क़दम का परिणाम भी उन्हें ही भुगतना होगा।

हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से टेलीफ़ोन पर बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में ईरान के ख़िलाफ़ बैठक के आयोजन के प्रयासों और मानवाधिकारों को लेकर पश्चिम की दोहरी नीतियों के प्रति चेतावनी दी थी। msm

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