प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, वॉशिंग्टन पोस्ट के पत्रकार जमाल ख़ाशुक्जी जो वर्जीनिया में रहते थे। वर्ष 2018 में इस्तांबूल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में उनकी हत्या हो गई थी। उनकी हत्या की हुई जांच के बाद अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची कि सऊदी मूल के इस पत्रकार की हत्या मोहम्मद बिन सलमान के आदेश से हुई है। लेकिन सऊदी अरब के युवराज ने इस हत्या में ख़ुद के शामिल होने के दावों से इंकार किया। इस बीच वाशिंगटन पोस्ट के संपादक एवं प्रकाशक फ्रेड रेयान ने शुक्रवार को एक लेख में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के फ़ैसले की निंदा करते हुए लिखा कि, जो बाइडन अमेरिकी मूल्यों को संरक्षित करने में विफल रहे और दुनिया में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघनकर्ताओं में से एक को मारने के लिए हरी झंडी दे दी।
वाशिंगटन पोस्ट के संपादक के अनुसार, इस बात में कोई शक नहीं है कि किसी भी देश को अपने प्रमुखों पर लगने वाले निराधार आरोपों का बचाव करना चाहिए, लेकिन जब किसी का गुनाह साबित हो जाए और वह भी एक हत्या में तो ऐसी स्थिति में वह कोई भी हो चाहे सऊदी अरब का युवराज और प्रधानमंत्री ही क्यों न हो उसको बचाना शर्म की बात है। उन्होंने लिखा है कि रियाज़ सरकार के साथ-साथ बाइडन प्रशासन का मोहम्मद बिन सलमान को बचाने का फ़ैसला निंदनीय है। ग़ौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक रिपोर्ट दी है कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सऊदी अरब के युवराज इस समय एक देश के उच्च पद पर हैं इसलिए क़ानूनी रूप से, वह ख़ाशुक्जी की पत्नी द्वारा बिन सलमान के ख़िलाफ़ दायर याचिका से मुक्त है। यह पहली बार नहीं है जब रेयान ने सऊदी अरब के प्रति अमेरिकी नीति को लेकरए बाइडन प्रशासन की आलोचना की है। बता दें कि पिछले जुलाई में, अमेरिकी राष्ट्रपति की पश्चिमी एशियाई देशों की अपनी यात्रा के दौरान सऊदी अरब के युवराज से मुलाक़ात पर भी बाइडन की आलोचना की थी और कहा था कि यह नाटकीय यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका के "नैतिक अधिकार" को "नष्ट" कर देगी। (RZ)
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