वहीं बोरेल के इस बयान पर यूरोप में आलोचनाएं भी शुरू हो गई हैं।
बोरेल ने फ़्रांस के एलसीआई टीवी चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि हमें यह बात अच्छी लगे या बुरी मगर सच्चाई यही है कि यूरोप की आबादी दुनिया के अन्य इलाक़ों की तुलना में ज़्यादा बूढ़ी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यह पसंद है कि आबादी बूढ़ी हो रही है तो हो जाए यूरोपीय नस्ल में कोई मिलावट नहीं होनी चाहिए जबकि दूसरे समाज इसके विपरीत सोच रखते हैं।
यूरोपीय संघ के अधिकारी ने कहा कि अगर विदेशों से पलायनकर्ता यूरोप आते हैं तो यूरोप में प्रजनन दर में पायी जाने वाली भारी कमी की समस्या का समाधान निकल सकता है।
यूरोपीय देशों की यह हालत हो गई है कि आबादी का बड़ा भाग 65 साल से अधिक उम्र का है जबकि प्रजनन दर गिर गई है, हर परिवार में बच्चों की संख्या बहुत कम है। कहा जाता है कि बुढ़ापा यूरोपीय समाज के लिए टाइम बन बन गया है।
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1950 में यूरोप में 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोग आबादी का 12 प्रतिशत थे मगर अब यह दर काफ़ी बढ़ गई है और आशंका है कि वर्ष 2050 तक यह दर 36 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इसका साफ़ मतलब यह है कि यूरोप बूढ़ा हो चुका है।
2000 से पहले हर यूरोपीय महिला के औसतन दो बच्चे हुआ करते थे मगर सन 2000 के बाद इसमें गिरावट आई है।
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