ज़ुल्म की बात ही क्या ज़ुल्म की औक़ात ही क्या
ज़ुल्म बस ज़ुल्म है आग़ाज़ से अंजाम तलक
ख़ून फिर ख़ून है सौ शक्ल बदल सकता है
ऐसी शक्लें कि मिटाओ तो मिटाए न बने
ऐसे शोले कि बुझाओ तो बुझाए न बने
ऐसे नारे कि दबाओ तो दबाए न बने
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है
ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा
इस्राईली फ़ौर्सेज ने अलज़रीरा टीवी चैलन की फिलिस्तीनी रिपोर्टर के अंतिम संस्कार में शामिल लोगों पर हमला किया और लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोकने की कोशिश की।
रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी सैनिकों ने यरुशलम में एक अस्पताल के सामने अलज़रीरा की फ़िलिस्तीनी रिपोर्टर शेरीन अबू अकले के अंतिम संस्कार में शामिल लोगों पर हमला किया और लोगों को जमकर पीटा और ताबूत का भी अपमान किया।
फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने एक बयान में ऐलान किया कि हमले में दर्जनों फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं।
इस्राईली पुलिस ने अस्पताल के सभी रास्तों को भी बंद कर दियाऔर उन्हें फ़िलिस्तीनी झंडे लहराने और शहीद शेरीन अबू अकले की तस्वीरें लेने और उनके समर्थन में नारे लगाने से रोका गया।
उधर, जेनिन के कफ्रदान इलाके में ज़ायोनी सैनिकों की गोलीबारी में एक और फ़िलिस्तीनी जवान शहीद हो गया.
फ़िलिस्तीनी हेल्थ मिनिस्ट्री ने ऐलान किया है कि इस्राईली सैनिकों की गोलीबारी में अब तक 11 फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं।
ग़ौरतलब है कि फिलिस्तीनी पत्रकार शीरीन अबू अकले की शहादत के बाद से, फिलिस्तीनियों और इस्राईली सैनिकों के बीच संघर्ष तेज हो गया है।
जैसा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियोज़ में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि इस्राईली फ़ोर्सेज़ ने न सिर्फ़ यह कि महिला पत्रकार शिरीन अबू अकले की गोली मार कर हत्या कर दी, बल्कि उनके अंतिम संस्कार के दौरान जुल्म की सारी हदें तोड़ दीं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्होंने शहीद शीरीन के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की पिटाई की, यहां तक कि उनका ताबूत भी एक बार जमीन पर गिर गया।