पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने यह बात संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन में कही।
राष्ट्रसंघ की महासभा के 76वें वार्षिक अधिवेशन में इमरान ख़ान ने कहा कि इस्लामोफ़ोबिया, इस्लाम के विरुद्ध नफ़रत फैलाने का एक हथकण्डा है जिसके मुक़ाबले में हमें उठ खड़े होना चाहिए।
महासभा की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सरकार ने वहां पर रहने वाले मुसलमानों के विरुद्ध नफ़रत का वातावरण बना रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के बारे में भारत की सरकार, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रही है।
इमरान ख़ान का कहना है कि भारत के साथ शांति उसी स्थिति में स्थापित हो सकती है कि जब कश्मीर समस्या का समाधान करे। उनका कहना था कि भारत को कश्मीरियों के दमन को रोकते हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन को बंद करना होगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने भाषण के अंत में अफ़ग़ानिस्तान के परिवर्तनों की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए हमें तालेबान की अंतरिम सरकार का समर्थन करना चाहिए।