उन्होंने कहा कि सिनवार इस्राईलियों से खिलवाड़ कर रहे हैं हमें चाहिए कि उनकी हत्या कर दें चाहे इस हत्या के नतीजे में जंग ही क्यों न छिड़ जाए। हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, वह कट्टर दुश्मन हैं और हमसे बड़ा कड़वा खेल कर रहे हैं।
डेविड बेटन के बयान से हमें इसलिए ताज्जुब नहीं हुआ कि इससे यह पता चल गया कि यहया सिनवार और उनके सहयोगी हालिया सैफ़ुल क़ुद्स युद्ध में अपनी ताक़त दिखाकर लिकुड पार्टी और उसके नेता नेतनयाहू की सरकार को उखाड़ फेंकने में कामयाब हो गए।
हमें कोई संदेह नहीं है कि इस्राईली सुरक्षा एजेंसियां दिन रात सिनवार और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारियां जुटाने में व्यस्त हैं मगर अब तक उन्हें नाकामी ही हाथ लगी है। इसके दो कारण हैं। एक तो इन कमांडरों तक पहुंच पाना बेहद कठिन काम है और दूसरी बात यह है कि अगर उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही हुई तो इस्राईल को बड़े विनाशकारी जवाबी हमले का सामना करना पड़ेगा।
यहां हम यह भी यादि दिलाते चलें कि 1996 में जब हमास की सैनिक शाखा क़स्साम ब्रिगेड के कमांडर यहया अय्याश की इस्राईल ने हत्या की थी तो इसके जवाब में जो हमले हुए उनमें इस्राईल के 100 से अधिक लोग मारे गए और 1 हज़ार से अधिक घायल हुए। इस्राईली बस्तियों पर 400 से अधिक मिसाइल बरसे थे।
ग़ज़्ज़ा पट्टी की उत्तरी सीमा पर जो जन प्रतिरोध शुरू हुआ है और जिसमें यह कहा जा रहा है कि इस्राईल संघर्ष विराम की शर्तों का पालन नहीं कर रहा है इसलिए उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही ज़रूरी है वह अब अपना असर दिखाने लगा है।
अगर इस्राईल ने यहया सिनवार की हत्या करने की कोशिश की तो यह तय है कि इससे फ़िलिस्तीनियों का प्रतिरोध कमज़ोर नहीं बल्कि और तेज़ हो जाएगा। हो सकता है कि सैफ़ुल क़ुद्स-2 युद्ध छिड़ जाए। इसके नतीजे में इस्राईल को पहले से ज़्यादा जानी और माली नुक़सान उठाना पड़ेगा। इसलिए हमें नहीं लगता कि इस्राईली नेतृत्व इस तरह की किसी कार्यवाही की हिम्मत कर पाएगा। ख़ास तौर पर मौजूदा हालात में जब अमरीका को अफ़ग़ानिस्तान में भारी पराजय का सामना करना पड़ा है।
सिनवार एक मुजाहिद हैं जिन्होंने इस्राईलियों की नींद हराम कर रखी है। उन्होंने बार बार इस्राईल को शिकस्त दी है और वह इस्राईल के लिए डरावना सपना बन गए हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी जीत है।
स्रोत रायुल यौम