अन्य देशों के लोगों के लिए सऊदी अरब की ओर से यह सीमितता ऐसे समय में लगाई गई है जब इस देश के नाइट क्लब, सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के आदेश पर खुले हुए हैं और इसका उद्देश्य मक्के और मदीने की इस्लामी पहचान को बदलने के अलावा और कुछ नहीं है। सऊदी लीक्स नामक वेबसाइट ने लिखा है कि मीडिया और सोशल मीडिया में जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, उनमें इस्लामी जगत के ज़ायरीन और नमाज़ियों के बिना ही ख़ानए काबा को दिखाया गया है। सऊदी लीक्स का कहना है कि इसके मुक़ाबले में मीडिया और सोशल मीडिया में हज शुरू होने से ठीक पहले उन नाइट्स क्लब की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जो सऊदी मर्दों और औरतों से भरे हुए हैं।
पिछले साल विदेशी मीडिया को हज की कवरेज से रोक दिया गया था जो दुनिया भर के मीडिया के लिए एक अहम और बड़ा इवेंट होता है। सऊदी अरब ने कहा है कि कोरोना वायरस का फैलाव जारी रहने की वजह से इस साल भी विदेशी लोग हज के लिए नहीं आ सकेंगे और सऊदी अरब में रहने वाले लोगों में से साठ हज़ार लोग ही हज के संस्कार अदा कर पाएंगे। सऊदी अरब के हज मंत्रालय का कहना है कि हज करने वालों की उम्र 18 से 65 के बीच होना चााहिए और उन्हें कोरोना का टीका भी लगा होना चाहिए।
सऊदी अरब ने पिछले साल कोरोना वायरस के फैलाव के कारण सिर्फ़ एक हज़ार लोगों को हज की इजाज़त दी थी जबकि हर साल पूरी दुनिया से 20 लाख से ज़्यादा लोग हज किया करते थे। जबसे कोरोना का फैलाव शुरू हुआ है, सऊदी अरब ने लोगों के इकट्ठा होने और उनकी छुट्टियों के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं। सऊदी लीक्स का कहना है कि ये पाबंदियां ऐसी स्थिति में लगाई गई हैं कि जब सऊदी अरब के नाइट क्लब अब भी खुले हुए हैं जिनके बारे में अनेक नागरिकों ने शिकायत भी की है लेेकिन उनकी कोई सुनावई नहीं हो रही है।
बहुत ज़्याद शोर वाले सऊदी अरब के डिस्को और नाइट क्लब, लोगों की कड़ी आपत्तियों के बावजूद अपना काम कर रहे हैं और उनमें तरह तरह की पार्टियां भी आयोजित हो रही हैं। नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि इन नाइट क्लब्स के ख़िलाफ़ शिकायत करने पर न सिर्फ़ यह कि उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं होती बल्कि शिकायत करने वालों को ही गिरफ़्तार कर लिया जाता है। यहीं पर इस बात का उल्लेख कर देना भी रोचक होगा कि सऊदी प्रशासन ने एक आवासीय इलाक़े से एक मुसल्लाह (नमाज़ पढ़ने का स्थान) ख़त्म कर दिया है। इसमें रोचक बात यह है कि इस मुसल्ले को एक औरत की शिकायत पर बंद कर दिया गया है। इस मुहल्ले में रहने वाले एक शख़्स का कहना है कि अगर किसी एक की शिकायत पर मुसल्ला बंद किया जा सकता है तो फिर प्रशासन लाखों नागरिकों की शिकायतों पर डिस्को और नाइट क्लबों को क्यों नहीं बंद करती?