संयुक्त राष्ट्रसंघ के फूड आर्गेनाइज़ेशन के अनुसार दक्षिणी मेडागास्कर में इस भुखमरी के कारण बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। जो लोग ज़िंदा हैं उनको पेड़ों के पत्ते और टिड्डयां ख़ाकर ज़िंदा रहना पड़ रहा है क्योंकि वहां पर खाने के लिए कुछ भी नहीं है। यह स्थिति कोरोना के कारण नहीं है बल्कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण मेडागास्कर में यह हालात पैदा हुए हैं जो बहुत ही दुखी करने वाले हैं।
संचार माध्यमों के अनुसार वहां का दौरा करने वाली डब्लू एफ पी की रीजनल डायरेक्टर ने बताया है कि भुखमरी के कारण दक्षिणी मेडागास्कर में सैकड़ों बच्चे मौत का शिकार हो चुके हैं।
लोला कास्त्रो ने बताया कि पिछले 28 वर्षों के दौरान मैंने बहुत से अकालग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया किंतु कहीं पर भी स्थिति इतनी बुरी और भयावह नहीं देखी जितनी दक्षिणी मेडागास्कर में इस समय है। हज़ारों की संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं।
लोला कास्त्रो ने बताया कि इन चार लाख लोगों में से 14 हज़ार की हालत बहुत ही ख़राब है। इनमें से कुछ के शरीर पर हड्डियों और खाल के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं किया गया तो आने वाले कुछ ही महीनों में भुखमरी का शिकार लोगों की संख्या बढ़कर 5 लाख से अधिक हो जाएगी।
दक्षिणी मेडागास्कर की स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ और मेडागास्कर की सरकार ने फंड की अपील की है ताकि इन लोगों के कम से कम खाने-पीने का प्रबंध किया जा सके।