सीरिया में मौजूद रूस-सीरिया समन्वय केन्द्र की ओर से यह घोषणा की गई है। रूस-सीरिया समन्वय केन्द्र की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि उस मानवताप्रेमी सहायता को, जो "अर्रुकबान" शरणार्थी शिविर में रहने वालों के लिए भेजी जाती है, अमरीका इस मानवताप्रेमी सहायता को आतंकवादियों के हवाले कर रहा है।
जार्डन से मिलने वाली सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्र पर जार्डन में "अर्रुकबान" शरणार्थी शिविर स्थित है। इसी शिविर के निकट अमरीका की ओर से आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है जो बाद अमरीका के दृष्टिगत लक्ष्यों को पूरा करते हैं। इस शरणार्थी शिविर के लिए राष्ट्रसंघ की जो सहायता आती है वह आवश्यकता रखने वाले शरणार्थियों को न देकर इस क्षेत्र में प्रशिक्षण पा रहे आतंकवादियों की सेवा में पहुंचा दी जाती है।
रूस-सीरिया समन्वय केन्द्र की ओर से जारी संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि अमरीका "अर्रुकबान" शरणार्थी शिविर में रहने वाले शरणार्थियों को उनके घरों को वापस जाने में बाधाएं डाल रहा है क्याोंकि इस शिविर की आड़ में वह आतंकवादियों को वहां पर प्रशिक्षण देता है। बयान के अनुसार सीरिया ने कहा है कि हम वहां के शरणार्थियों की हर प्रकार से सहायता करने के लिए तैयार हैं।
ज्ञात रहे कि हालिया दिनों में एसी कई रिपोर्टें आई हैं जिनसे पता चलता है कि दाइश के आतंकवादी सीरिया के रास्ते इराक़ में घुसकर आतंकवादी कार्यवाहिंया कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह भी सुनने में आया है कि अमरीकी हैलिकाप्टर, दाइश के आतंकवादियों को इराक़ से मिलने वाली सीरिया की सीमा पर पहुंचाया जा रहा है।