नागोरनो-कराबाग़ के अनसुलझे मुद्दे को लेकर दोनों ही पक्ष चार दशकों से संघर्ष की स्थिति में है। नागोरनो-कराबाग़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज़रबाइजान के एक भाग के रूप में देखा जाता है, लेकिन 1990 के दशक से इस पर आर्मेनियाई लोगों का क़ब्ज़ा है, जिन्हें आर्मेनिया की सरकार का समर्थन हासिल है।
आर्मेनिया ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए पुरुष आबादी को कराबाग़ की ओर बढ़ने का आदेश दिया है।
तुर्की ने आर्मेनिया की निंदा करते हुए उस पर आज़रबाइजान के ख़िलाफ़ भड़काऊ कार्यवाही करने का आरोप लगाया है।
आज़री राष्ट्रपति इलहाम अलीओव के साथ टेलीफ़ोन पर बातचीत के बाद, अर्दोगान ने आर्मेनियाई जनता से कहा कि वे अपने उन नेताओं के सामने डट जाएं, जो उन्हें नरक में धकेलना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाकू अकेला नहीं है, बल्कि अंकारा उसका भरपूर समर्थन जारी रखेगा।
आज़रबाइजान का कहना है कि आर्मेनियाई सैनिकों के हमले में उसके कई नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि आर्मेनियाई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि एक आर्मेनियाई महिला और बच्चे की मौत हो गई है।
रविवार को आर्मेनिया ने आज़रबाइजान के 4 हेलीकॉप्टर, 15 ड्रोन और 10 टैंकों को मार गिराने का दावा किया था, जबकि आज़रबाइजान के रक्षा मंत्रालय ने इसे निराधार बताया था।
इस बीच, ईरान ने दोनों देशों से तुरंत झड़पों को बंद करने की अपील करते हुए युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है।
तुर्की, आज़रबाइजान का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है, दोनों देशों के बीच भाषा और संस्कृति के कारण निकट संबंध हैं।
उस्मानिया शासन के दौरान, आर्मेनियाईयों के विवादित नरसंहार के विवाद के चलते अंकारा और येरेवान के बीच कूटनीतिक संबंध नहीं हैं।
तुर्की के रक्षा मंत्री ने आर्मेनिया की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आर्मेनियाई आक्रमण, क्षेत्र में शांति की स्थापना में सबसे बड़ी रुकावट है।
तुर्क राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहीम कालिन ने भी आज़रबाइजान और आर्मेनिया के बीच झड़पों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।