प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस की महामारी के बीच उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के दूरदराज़ के इलाक़ों में भोजन, पानी और चिकित्सा की आपूर्ति करते हुए जून माहीने में पांच लोग (कार्यकर्ता) लापता हो गए थे। यह लोग बुधवार को एक वीडियो में नज़र आए, हालांकि यह वीडियो उनकी ज़िन्दगी का आख़िरी क्षण साबित हुआ और तकफ़ीरी आतंकवादी गुट बोको हराम के आतंकियों ने बर्बरता दिखाते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया। कोरोना वायरस की महामारी के बीच लोगों की मदद के काम में जुटे इन लोगों के साथ की गई इस बर्बरता की हर तरफ आलोचना हो रही है।
वॉशिंगटन पोस्ट की ख़बर के अनुसार, इंटरनेशनल सहायता समूह और सरकार के लिए काम करने वाले पांचों नाइजीरियाई लोगों को तकफ़ीरी आतंकवादी गुट बोको हराम के संदिग्ध आतंकियों ने इसी वर्ष जून के महीने में पकड़ लिया था। अधिकारियों के मुताबिक़, इनकी रिहाई के लिए फिरौती की मांग की गई और बाद में उन्हें कैमरे के सामने ही मौत के घाट उतार दिया गया। स्थानीय मीडिया ग्रुप की ओर से जारी फुटेज के अनुसार, हाउसा में एक अपरिचित आवाज़ में कहा गया, "यह काफ़िरों के लिए एक संदेश है, जो हमारे लोगों को धोखा देने और हमारे लोगों को नास्तिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के कार्यालय ने एक बयान में इस 'बर्बरतापूर्ण कार्रवाई' की निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई है। राष्ट्रपति के प्रवक्ता, गरबा शेहू ने बयान में कहा, "राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पूर्वोत्तर नाइजीरिया के बचे हुए हिस्से से बोको हराम का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाए। यह बर्बरता करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानून अपना काम करेगा।" कोराना संकट के समय लोगों की मदद करने में जुटे पांच कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारने की ताज़ा घटना तो इस बात का संकेत देती है कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता न ही उनके अंदर किसी भी तरह की मानवता होती है। आतंकी घटनाओं में लगातार वृद्धि होती जा रहा है। पिेछले माहीने भी तकफ़ीरी आतंकियों ने एक साथ 81 लोगों की जान ले ली थी।