AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
बुधवार

6 मई 2020

2:16:12 pm
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देश में अच्छी और उचित पैदावार से प्रतिबंधों और अन्य आर्थिक वायरसों का मुक़ाबला किया जा सकता है

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने 7 उत्पादक केन्द्रों के प्रतिनिधियों से वीडियो कान्फ़्रेंस से अपने संपर्क में कहा कि अच्छे और उपयोगी उत्पादन से अर्थ व्यवस्था को इस क़ाबिल बनाया जा सकता है कि वह प्रतिबंधों और इसी प्रकार के दूसरे वायरसों का मुक़ाबला कर सके है जो इंसानी शरीर को नुक़सान पहुंचाने वाले वायरसों की तरह अर्थ व्यवस्था को नुक़सान पहुंचा सकते हैं।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रीय मज़दूर सप्ताह के अवसर पर बुधवार को अपने भाषण में देश की अर्थ व्यवस्था का उदाहरण मानव शरीर से दिया और कहा कि दोनों को हमलावर वायरसों से लड़ने के लिए स्वस्थ इम्यून सिस्टम की ज़रूरत होती है।

सुप्रीम लीडर का कहना था कि यही कोरोना वायरस बहुत से इंसानों के शरीर में दाख़िल हुआ लेकिन वह बीमार नहीं पड़े, यह कैसे हुआ? आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने आगे कहा कि उनके शरीर के मज़बूत इम्यून सिस्टम ने वायरस का मुक़ाबला किया।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई का कहना था कि यदि हम अर्थ व्यवस्था की मिसाल मानव शरीर से दें तो वह इम्यून सिस्टम जो अर्थ व्यवस्था को सुरक्षा प्रदान करता है वह उत्पादन है, दूसरे शब्दों में यह कहना चाहिए कि वह तत्व जो अर्थ व्यवस्था को निशाना बनाने वाले वायरसों और कीटाणुओं के हमलों को बेअसर और अर्थ व्यवस्था को सुरक्षित बना सकता है वह उत्पादन है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई का कहना था कि अर्थ व्यवस्था पर हमला करने वाले वायरस प्राकृतिक भी होते हैं और इसी तरह इंसानों द्वारा भी बनाए जाते हैं जैसे प्रतिबंध और तेल की क़ीमतों का मुद्दा है।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता का कहना था कि जो भी हो यदि हमारे पास अच्छा उत्पादन स्तर होगा तो हम इन वायरसों का मुक़ाबला करने में सक्षम होंगे।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने ज़ोर दिया कि पूरे देश में श्रमबल के संपर्क को बेहतर किया जाना चाहिए ताकि वांछित उत्पादन स्तर हासिल किया जा सके।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि श्रमिक तबक़े को पूरी ज़िम्मेदारी से काम करना चाहिए और मालिकों को आमदनी का बड़ा हिस्सा श्रमबल को देना चाहिए।    

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने जोर देकर कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था का मक़सद दौलत पैदा करना और उसे देश के लोगों के बीच न्यायपूर्ण ढंग से बांटना है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ अर्थ व्यवस्था हासिल करने के सिलसिले में श्रमिक तबक़ा एक बुनियादी स्तंभ है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि श्रमिक तबक़ा और मालिक उत्पादन और अर्थ व्यवस्था के विकास के दो असली स्तंभ हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि श्रमिक तबक़े के अधिकारों जैसे न्यायपूर्ण तनख़्वाह, बिना देरी नियमित रूप से भुगतान, रोज़गार गैरेंटी, बीमा, शिक्षा, सुविधाएं और दवा इलाज का ख़याल रखा जाना चाहिए।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई के इस भाषण में जारी ईरानी वर्ष के लिए तेज़ रफ़्तार उत्पादन के नारे पर भी ज़ोर दिया गया। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने जारी ईरानी वर्ष 1399 हिजरी शम्सी के लिए उत्पादन के तेज़ विकास का नारा निर्धारित किया है।