AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शुक्रवार

7 फ़रवरी 2020

5:00:54 pm
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फ़िलिस्तीन में पश्चिमी तट का इलाक़ा भी जल उठा, बैतुल मुक़द्दस में इस्राईली सैनिकों पर हमला एक बड़े तूफ़ान की शुरूआत है, ग़ज़्ज़ा

देखते ही देखते फ़िलिस्तीनी इलाक़े दहकने लगे हैं। जगह जगह फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इस्राईली सैनिकों की झड़पें मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं।

फ़िलिस्तीनी इस समय सड़कों पर निकल पड़े हैं और हर उपलब्ध माध्यम का इस्तेमाल करके अपने आक्रोश का एलान कर रहे हैं। यह आक्रोश केवल इस्राईल ही नहीं बल्कि ग़द्दारी करने वाली अरब सरकारों के भी ख़िलाफ़ लावा बनकर फूट पड़ा है।

बृहस्पतिवार को पश्चिमी बैतुल मुक़द्दस में एक फ़िलिस्तीनी युवा ने इस्राईली सैनिकों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें कम से कम 14 इस्राईली सैनिक घायल हो गए। जेनिन शहर में इस्राईली सैनिकों से झड़पों में तीन फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए। लगभग सारे फ़िलिस्तीनी शहरों में इस्राईली सैनिकों पर पथराव हो रहा है।

पश्चिमी तट का इलाक़ा जो काफ़ी हद तक शांत रहता था अब शोला बनकर दहक रहा है, फ़िलिस्तीनी युवाओं ने इस्राईल के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू कर दिया है। यह स्थिति पहले और दूसरे इंतेफ़ाज़ा आंदोलन की याद दिलाती है। फ़िलिस्तीनियों ने अपना संदेश इस्राईल और उसके चाहने वालों तक पहुंचा दिया है कि वह फ़िलिस्तीन की रक्षा में जान देने के लिए हर क्षण तैयार हैं।

इस स्थिति को देखकर इस्राईल ही नहीं अमरीका की चिंता भी बढ़ गई है। इसका अंदाज़ा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सलाहकार और डील आफ़ सेंचुरी के सूत्रधार जेयर्ड कुशनर के बयान से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालिया हिंसा की घटना की ज़िम्मेदारी महमूद अब्बास की गरदन पर है। कुशनर ने कहा कि महमूद अब्बास ने डील के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया दिखाने की बात उस समय कह दी थी जब इसकी घोषणा भी नहीं की गई थी।

कुशनर को यह पता ही नहीं कि फ़िलिस्तीनियों में महमूद अब्बास के ख़िलाफ़ भी आक्रोश है कि उन्होंने डील आफ़ सेंचुरी पर बहुत ढीली-ढाली प्रतिक्रिया दिखाई।

जहां पश्चिमी तट के इलाक़े में गहरा आक्रोश फूट पड़ा है वहीं ग़ज़्ज़ा के इलाक़े से राकेटों के हमले शुरू हो गए हैं। सबका एक ही लक्ष्य हे फिलिस्तीन को इस्राईली क़ब्ज़े से आज़ादी दिलाना।

इस्राईल के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनियों की ओर से जो हमले शुरू हुए हैं वह वास्तव में अभी शुरुआत है और यह डील आफ़ सेंचुरी पर आरंभिक प्रतिक्रिया है।

पश्चिमी तट के इलाक़े में भी निश्चित रूप से राकेट और ड्रोन विमान पहुंचेंगे और वहां से भी इस्राईलियों पर राकेट हमले शुरू होंगे। ग़ज़्ज़ा में भी मिसाइल इस्राईली नाकाबंदी के बावजूद पहुंचे हैं तो पश्चिमी तट में क्यों नहीं पहुंच सकते।

जिस समय इंतेफ़ाज़ा आंदोलन की आग भड़क उठी थी उस समय इस्राईली अधिकारी दुआ मांगते थे कि कोई हफ़्ता एसा गुज़रे जिसमें शांति रहे अब लगता है कि यही कामना नेतनयाहू, ट्रम्प और कुशनर करेंगे बल्कि वह अपनी योजना पर पछताएंगे कि उन्होंने यह क्यूं समझ लिया था कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र हिम्मत हार चुका है और अब हालात से परेशान होकर कोई भी डील स्वीकार करने पर मजबूर है?!