ज़ायोनी शासन के टीवी चैनल-12 ने रिपोर्ट दी है कि नेतेनयाहू के नाम महमूद अब्बास के पत्र में आया है कि यह योजना अमरीकी व इस्राईली ओस्लो समझौते का खंडन करता है और आधार पर फ़िलिस्तीनी सरकार इस समय स्वयं को इस्राईल के साथ सुरक्षा सहयोग सहित समस्त समझौतों से स्वतंत्र समझती है।
उधर फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के राजनैतिक कार्यालय के प्रमुख इस्माईल हनिया ने भी अरब और मुस्लिम देशों के प्रमुखों के नाम पत्र में सेन्चुरी डील को स्वीकार करने या इस पर अमल करने के बारे में सचेत किया है और इसे एक बड़ी ग़लती क़रार दिया है और कहा है कि ऐसा करने वालों को फ़िलिस्तीनी राष्ट्र कदापि माफ़ नहीं करेगा।
इस योजना के अनुसार ज़ायोनी अधिकारी सबसे पहले, यहूदी कालोनियों, जार्डन घाटी और इससे जुड़े कुछ क्षेत्रों का विलय करेंगे।