हमास ने अगले कुछ दिनों में डील आफ़ द सेंचुरी नामक अमरीकी व ज़ायोनी योजना का अनावरण किए जाने की ख़बरों पर प्रतिक्रिया स्वरूप कहा है कि हर वह योजना, जिसके माध्यम से फ़िलिस्तीनी जनता के अधिकारों या उनके पवित्र स्थलों संबंधी अधिकारों में कमी की गई हो, कभी भी व्यवहारिक नहीं हो सकती और यह फ़िलिस्तीनी राष्ट्र है जो अपने भविष्य का ख़ुद निर्धारण करेगा।
रिपोर्टों के अनुसार 28 जनवरी को एक बैठक में अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और ज़ायोनी प्रधानमंत्री बेनयामिन नेतनयाहू डील आफ़ द सेंचुरी योजना का अनावरण करेंगे। इस योजना के अनुसार बैतुल मुक़द्दस ज़ायोनी शासन को दे दिया जाएगा, फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वदेश वापसी का अधिकार नहीं होगा और फ़िलिस्तीनी केवल पश्चिमी तट और ग़ज़्ज़ा पट्टी के बाक़ी बचे क्षेत्रों के मालिक होंगे।