पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने म्यांमार में मुसलमानों पर चरमपंथी बौद्धधर्मियों के हमले की भर्त्सना की है।
नवाज़ शरीफ़ ने म्यांमार में मुसलमानों के जनसंहार को जातीय सफ़ाया बताया और उन्होंने इस देश में मुसलमानों के जनसंहार को रोकने के लिए एक 3 सदस्यीय कमेटी क़ाएम की है। उन्होंने कहा कि यह कमेटी संयुक्त राष्ट्र संघ और इस्लामी सहयोग संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात कर म्यांमार सरकार पर दबाव डलवाएगी कि वह इस देश के मुसलमानों के ख़िलाफ़ चरमपंथी बौद्धधर्मियों के हमलों को रुकवाए। पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने भी म्यांमार में मुसलमानों के जनसंहार पर संयुक्त राष्ट्र संघ और इस्लामी सहयोग संगठन के मौन की आलोचना की और इन संगठनों से म्यांमार में मुसलमानों का जनसंहार रुकवाने की मांग की। पाकिस्तानी सेनेट के उपाध्यक्ष मौलाना अब्दुलग़फ़ूर हैदरी ने शनिवार को ईरान सहित इस्लामी देशों से म्यांमार में मुसलमानों के जनसंहार और उन्हें दी जा रही यातनाओं को रुकवाने के लिए म्यांमार सरकार पर दबाव डालने की अपील की थी। ज्ञात रहे ईरान का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल जनवरी 2013 को म्यांमार गया था।
म्यांमार की सरकार 13 लाख मुसलमानों को बंग्लादेश के अप्रवासी बताती है और इस बहाने म्यांमार की सरकार ने उन्हें नागरिक अधिकार से वंचित कर रखा है।
म्यांमार में मुसलमानों के जनसंहार को रुकवाने की नवाज़ शरीफ़ की कोशिश।
जून 7, 2015 - 6:37 pm- News Code : 694209
- Source : एरिब.आई आर
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने म्यांमार में मुसलमानों पर चरमपंथी बौद्धधर्मियों के हमले की भर्त्सना की है।
