ओमान के विदेश मंत्री ने ईरान को अलग-थलग करने की नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि मध्य पूर्व में अस्थिरता का असली कारण इस्राईल है।
ओमान के विदेश मंत्री बदर बिन हम् द अल बुसईदी ने कहा कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग करने की नीति न केवल अप्रभावी है बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस्राईल ही मध्य पूर्व में अस्थिरता का मुख्य कारक है।
बहरैन में आयोजित मनामा डायलॉग २०२५ सम्मेलन में बोलते हुए ओमानी विदेश मंत्री ने कहा कि वास्तविक सुरक्षा किसी देश को अलग करने से नहीं, बल्कि सकारात्मक क्षेत्रीय सहयोग से संभव है। इतिहास इस बात का गवाह है कि अलगाव की नीतियों ने केवल तनाव और संघर्षों में वृद्धि की है।
बुसईदी ने यह भी कहा कि ओमान हमेशा इस मत पर कायम रहा है कि ईरान को क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे में शामिल किया जाना चाहिए ताकि समुद्री सुरक्षा, तस्करी और जलवायु परिवर्तन जैसी साझा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
उन्होंने बताया कि ईरान ने कई बार वार्ता के लिए तत्परता दिखाई है और इस्राईल के हमलों के बावजूद संयम का परिचय दिया है। ओमानी मंत्री के अनुसार, इस्राईल द्वारा ईरान पर हालिया अवैध सैन्य हमले शांति वार्ताओं को विफल करने की कोशिश हैं, जिनमें सैकड़ों निर्दोष ईरानी नागरिक मारे गए।
अल बुसईदी ने कहा कि ईरान ने इन हमलों के बाद भी धैर्य बनाए रखा, यहां तक कि दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर बमबारी, लेबनान में राजदूत के घायल होने और तेहरान में एक वरिष्ठ फ़िलिस्तीनी नेता की हत्या जैसी घटनाओं के बाद भी उसने उकसावे से परहेज़ किया।
उन्होंने इन कार्रवाइयों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा कि क्षेत्र में अस्थिरता और अशांति का वास्तविक कारण ईरान नहीं बल्कि इस्राईल है।
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