संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका के अस्थाई प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद के प्रमुख को एक पत्र लिखकर ईरान के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों की वापसी के पूर्व सरकार के दावे को वापस ले लिया।
रोयटर्ज़ ने सुरक्षा परिषद के नाम रिचर्ड मिल्ज़ के पत्र का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी है कि अमरीका ने इस पत्र में तेहरान के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों की वापसी के ट्रम्प प्रशासन के दावे को वापस ले लिया।
ज्ञात रहे कि अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सुरक्षा परिषद में ईरान के विरुद्ध हथियारों के प्रतिबंधों की समयावधि बढ़ाने के बाद नाकामी की वजह से तेहरान पर संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों की वापसी के लिए हाथ पैर मारना शुरु कर दिया था।
अमरीका की नयी सरकार ने ईरान के बारे में ट्रम्प की नीतियों की विफलता स्वीकार करते हुए कहा था कि चूंकि परमाणु समझौते से अमरीका के एकपक्षीय रूप से निकलने की वजह से वाशिंग्टन अलग थलग पड़ गया है इसीलिए उनका देश सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित परमाणु समझौते में वापसी करेगा।
कुछ दिन पहले ईरान के सुप्रीम लीडर ने खुले शब्दों में कहा था कि अब वादों का दौर ख़त्म हो गया और अब ईरान परमाणु समझौते में बातों को नहीं बल्कि अमल पर ध्यान देगा।
सुप्रीम लीडर ने कहा कि चूंकि इस्लामी क्रान्ति और इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था ने इस व्यवस्था और बंटवारे को रद्द कर दिया इसलिए साम्राज्यवादी ताक़तें उसकी दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि कभी मानवाधिकार का मुद्दा उठाया जाता है तो कभी ईरान की मिसाइल ताक़त और कभी क्षेत्र में उसके प्रभाव की बात की जाती है, ये सब बहाना है, अस्ल वजह यह है कि ईरान ने वर्चस्ववादी व्यवस्था को ख़ारिज कर दिया है।