ईरान के विदेशमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि उन लोगों को सीरिया से जाना चाहिये जो ग़ैर क़ानूनी रूप से आये हैं और सीरिया का अतिग्रहण किये हुए हैं
ईरान के विदेशमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा है कि सीरिया में ईरान की उपस्थिति सीरियाई सरकार की आधिकारिक मांग पर है और इस देश से निकलने के लिए तेहरान को कोई संदेश नहीं मिला है।
अली असग़र ख़ाजी ने समाचार एजेन्सी स्पूतनिक के पत्रकार से वार्ता में सीरिया से ईरान के निकलने के बारे में कहा कि सीरिया से अपनी सेनाओं को निकालने के लिए तेहरान को कोई संदेश नहीं मिला है और हम सीरियाई सरकार के आधिकारिक आह्वान पर वहां हैं और यह उपस्थिति उस वक्त जारी रहेगी जब तक सीरियाई सरकार और जनता चाहेगी।
ईरान के विदेशमंत्री के इस वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि उन लोगों को सीरिया से जाना चाहिये जो ग़ैर क़ानूनी रूप से आये हैं और सीरिया का अतिग्रहण किये हुए हैं।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि सीरियाई क्षेत्रों की संप्रभुता और उनकी देखभाल इस देश की सरकार के अधिकार में होना चाहिये। सीरिया के जिन क्षेत्रों में ईरान और हिज़्बुल्लाह की सेनाएं तैनात हैं वहां इस्राईल के बारमबार के हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि जायोनी शासन की बुनियाद ही दुश्मनी और अत्याचार पर रखी गयी है और उसकी शैली ही फ़िलिस्तीनी जनता और पड़ोसी देशों के खिलाफ रही है।
ख़ाजी ने कहा कि सीरियाई सरकार आतंकवादियों से मुकाबला कर रही है जबकि जायोनी शासन आतंकवादियों की मदद कर रहा है।
ईरान के वरिष्ठ कूटनयिक ने बल देकर कहा कि सीरिया में ईरानी सैनिकों की मौजूदगी का उद्देश्य दाइश और दूसरे आतंकवादी गुटों से मुकाबला करना है किन्तु जायोनी शासन अगर रेड लाइन पार करना चाहेगा तो उसे करारा जवाब दिया जायेगा जिससे वह पछताने पर बाध्य हो जायेगा।