शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी एक महान कमांडर और अदभुत रणनीतिकार होने के साथ साथ ही बड़े सरल स्वभाव के इंसान थे इसीलिए समाज का हर तबक़ा उनसे प्रेम करता था।
जनरल क़ासिम सुलैमानी को आफ़िस में बैठकर बैठकें करने और रणनीतियां बनाने से ज़्यादा लगाव जंग के मोर्चे पर अग्रिम पंक्तियों में जाकर खड़े हो जाने से था। गोलियों की बौछार के दौरान मोर्चे पर अपनी मौजूदगी के समय एक बार जनरल क़ासिम सुलैमानी ने कहा था कि कमांडर के लिए यह शर्म की बात है कि गोलियों से डर जाए।