ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अगर दूसरे पक्षों ने अपने वादे पूरे न किए तो परमाणु समझौते की प्रतिबद्धताओं का पालन कम करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादे का साथ ही यह भी कहना था कि प्रतिबद्धता कम करने का यह मतलब नहीं है कि आईएईए के पर्यवेक्षकों को निरीक्षण से पूरी तरह रोक दिया जाएगा क्योंकि परमाणु हथियार के बारे में ईरान की रणनीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
ईरान की संसद ने एक क़ानून पारित करके देश की सरकार से कहा है कि अगर 21 फ़रवरी तक ईरान पर लगे प्रतिबंध ख़त्म न किए गए तो परमाणु प्रतिष्ठानों के व्यापक निरीक्षण के लिए आईएईए को दिए गए अतिरिक्त अवसरों को समाप्त कर दिया जाए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने परमाणु समझौते के बारे में अमरीका की नीतियों में किसी तरह का बदलाव नहीं देखा क्योंकि ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि अमरीका की नई सरकार को चाहिए कि ट्रम्प सरकार की नीतियों से पीछे हटे।
प्रवक्ता का कहना था कि समय सीमा पूरी हो जाने के बाद ईरान एडिश्नल प्रोटोकोल पर अमल करना बंद कर देगा लेकिन आईएईए के साथ सहयोग जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हम एनपीटी का सम्मान करते हैं और परमाणु हथियारों के बारे में हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इसी बीच ईरान की सेना ने एलान किया है कि कल से उत्तरी हिंद महासागर के इलाक़े में ईरान और रूस का संयुक्त सैन्य अभ्यास होगा जिसमें दोनों देशों की नौसेनाएं भाग लेंगी। इस अभ्यास का मक़सद इलाक़े में शांति व स्थिरता को मज़बूत करना और आपसी सहयोग का विस्तार है।