ईश्वर की इच्छा से इस संसार में मरने के बाद लोगों का जीवित होना ऐसी बात है जो इससे पहले भी सामने आ चुकी है और क़ुरआने मजीद ने उसकी ओर इशारा किया है।
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आयत क्या कहती हैं? अगर मनुष्य का हृदय मरा हुआ हो और वह सत्य को स्वीकार न करना चाहे तो फिर सत्य बात का उस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
दिसम्बर 12, 2020 - 9:17 अपराह्नखेद की बात है कि काफ़िर उन अंधे बहरे लोगों की तरह हैं जिन्होंने अपने ऊपर सत्य को समझने के सभी दरवाज़े बंद कर लिए हैं और अपने आपको सत्य को सुनने और देखने से वंचित कर लिया है।
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आयत क्या कहती हैं? सभी पैग़म्बरों ने वादा किया है कि एक दिन प्रलय आएगा जबकि हमारे जो पूर्वज इस संसार से जा चुके हैं वे मिट्टी बन गए हैं।
दिसम्बर 3, 2020 - 8:18 अपराह्नपिछले लोगों के अवशेषों की रक्षा, आगामी पीढ़ियों के पाठ के लिए आवश्यक है।
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आयत क्या कहती हैं? युद्ध व रक्तपात, दूसरों पर वर्चस्व के लिए ग़ैर ईश्वरीय सरकारों की शैली है।
अक्तूबर 14, 2020 - 1:49 अपराह्नसांसारिक मायामोह में ग्रस्त शासक होते हैं जो अपने व्यक्तिगत हितों की प्राप्ति और धन व शक्ति के लिए हर काम करने को तैयार रहते हैं।
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आयत क्या कहती हैं? सभी कार्यों विशेष कर सरकारी कामों में परामर्श, आवश्यक है।
अक्तूबर 13, 2020 - 3:37 अपराह्नदेश के संचालन के लिए सैन्य शक्ति और सामरिक संभावनाएं आवश्यक हैं।
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आयत क्या कहती हैं? दूसरों के दावे और प्रचार हमें सच की जांच से न रोकें।
अक्तूबर 11, 2020 - 5:17 अपराह्नईश्वर की उपासना और नसीहत के लिए दूसरों को पत्र लिखना, ईश्वरीय पैग़म्बरों की एक शैली रही है।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर उपासना के योग्य है जो सृष्टि की हर प्रकट व गुप्त बात से अवगत है।
अक्तूबर 10, 2020 - 3:34 अपराह्नआकाश और धरती से गुप्त वस्तुओं को बाहर निकालने का एक उदाहरण वर्षा और पौधे हैं।
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आयत क्या कहती हैं? मनुष्यों के लिए वास्तविक शुभ सूचना, हक़ व सत्य की ओर उनके मार्गदर्शित होने पर निर्भर है।
सितम्बर 21, 2020 - 3:48 अपराह्नक़ुरआने मजीद की कुछ विशेषताएं उसका लिखा होना, स्पष्ट करना, मार्गदर्शन करना और शुभ सूचना देना है।
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आयत क्या कहती हैं? लोगों को नौकरी पर रखते समय काम के अनुसार सबसे अच्छे लोगों का चयन करना चाहिए।
सितम्बर 17, 2020 - 7:26 अपराह्नबच्चों को, चाहे वे बेटे हों या बेटियां, इस बात का अधिकार है कि जो बात उनकी दृष्टि में सही है उसे तर्क के साथ परिवार के बुज़ुर्ग के सामने सुझाव के रूप में पेश करें।
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आयत क्या कहती हैं? क़दम उठाने के बाद ही दुआ व प्रार्थना सार्थक होती है।
सितम्बर 14, 2020 - 6:48 अपराह्नआवश्यकता होने पर ईश्वरीय पैग़म्बर की बेटियां चरवाहे का काम कर सकती हैं लेकिन कभी भी अपमान सहन नहीं कर सकतीं और न भीख मांग सकती हैं।
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आयत क्या कहती हैं? ग़लत काम अगर जान बूझ कर न भी किया गया हो तब भी उसके स्वाभाविक परिणाम तो सामने आते ही हैं।
सितम्बर 9, 2020 - 6:35 अपराह्नशक्ति पर कृतज्ञता, अत्याचारग्रस्त लोगों की मदद करके और अत्याचारियों व पापियों से सहयोग न करके जतानी चाहिए।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर ने लोगों के सामने कोई तर्क नहीं छोड़ा और सत्य का मार्ग उन्हें दिखा दिया है।
अगस्त 25, 2020 - 4:51 अपराह्नमेरा दायित्व ईश्वरीय संदेश को तुम तक पहुंचाना, उसका प्रचार करना तथा उसकी ओर निमंत्रण देना है और उसे स्वीकार करने हेतु तुम्हें विवश करने का मुझे अधिकार नहीं है।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर के अतिरिक्त जिन वस्तुओं की उपासना की जाती है वे न तो लाभ पहुंचा सकती हैं और न ही हानि।
अगस्त 23, 2020 - 7:28 अपराह्नअनेकेश्वरवाद की ऐसी आस्था नहीं है और उसमें अंधविश्वास और पथभ्रष्टता की अनेक बातें होती हैं और ऐसी वस्तुओं की पूजा की जाती है जो न तो मनुष्य को लाभ पहुंचा सकती हैं और न ही हानि।
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आयत क्या कहती हैं? उस दिन प्रलय का वैभव ऐसा होगा कि वे संसार के जीवन तथा मृत्यु के पश्चात क़ब्र में बिताए गए समय को केवल एक घड़ी भर समझेंगे।
जुलाई 10, 2020 - 11:39 अपराह्नयद्यपि काफ़िर प्रलय को झुठलाते हैं और उनका इन्कार करते हैं किन्तु वे चाहें या न चाहें उन्हें उस दिन उपस्थित होना ही पड़ेगा जिस दिन सारे लोग एकत्रित होंगे।
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आयत क्या कहती हैं? कुफ़्र व अनेकेश्वरवाद का कोई वैज्ञानिक व तर्कसंगत आधार नही है तथा कल्पनाएं भी निराधार होती हैं।
जुलाई 5, 2020 - 6:39 अपराह्नअनेक आस्थाओं का स्रोत पूर्वजों का अंधा अनुसरण और सांप्रदायिक धर्मांधता है कि जिसका कोई वैचारिक व वैज्ञानिक मूल्य नहीं है।
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आयत क्या कहती हैं? सत्य और असत्य के टकराव में निष्पक्ष नहीं रहा जा सकता।
जून 29, 2020 - 5:16 अपराह्नऐसा नहीं है कि वह सृष्टिकर्ता हो और मूर्तियां संसार का संचालन करती हों, उन्हें तो स्वयं ईश्वर की आवश्यकता है।
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आयत क्या कहती हैं? संसार को सदैव युक्ति की आवश्यकता है और सृष्टि के संचालन की युक्ति का एक होना, ईश्वर के अनन्य होने का प्रमाण है।
जून 28, 2020 - 5:39 अपराह्नजब तुम ईश्वर को मानते हो और यह बात स्वीकार करते हो कि तुम्हारी रोज़ी उसके हाथ में है तथा तुम्हारा पूरा अस्तित्व उसी पर निर्भर है तो फिर क्यों उसके स्थान पर मूर्तियों की पूजा करते हो और उससे नहीं डरते?
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आयत क्या कहती हैं? जिन फ़रिशतों की उपासना की जाती है वे भी अनेकेश्वरवादियों के इस कार्य से अप्रसन्न होते हैं और घृणा प्रकट करते हैं।
जून 24, 2020 - 7:07 अपराह्नईश्वर अनेकेश्वरवादयों और उनके द्वारा ईश्वर के समकक्ष ठहराए गए लोगों को उपस्थित करेगा और उनसे अलग अलग प्रश्न करेगा कि क्यों तुमने मूर्तियों और काल्पनिक देवताओं की उपासना की? और क्यों तुमने अपनी उपासना करवाई?
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आयत क्या कहती हैं? जो कोई भला कर्म करेगा उसे उससे दस गुना अधिक पारितोषिक मिलेगा।
जून 22, 2020 - 6:40 अपराह्नईश्वर के मार्ग में दान दक्षिणा के पारितोषिक को सात सौ गुना तक बताया गया है।
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आयत क्या कहती हैं? आसमानी किताबें, ईश्वरीय संदेश हैं।
जून 7, 2020 - 5:38 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैह व आलेही व सल्लम ने किसी गुरू से शिक्षा भी प्राप्त नहीं की है कि क़ुरआन को उनकी पिछली शिक्षाओं का परिणाम कहा जा सके।
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आयत क्या कहती हैं? जिन लोगों के सुधार और ईमान की आशा नहीं होती उन के लिए अत्याचार, पतन और तबाही का मार्ग प्रशस्त करता है।
मई 31, 2020 - 6:12 अपराह्नपिछले लोगों की उत्तराधिकारी बनने वाली जातियों को उनके इतिहास से पाठ सीखना चाहिए और जान लेना चाहिए कि यदि वे भी पिछले लोगों के मार्ग पर चले तो उन ही जैसा अंत उनकी भी प्रतीक्षा कर रहा है।
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आयत क्या कहती हैं? जो लोग अत्याचार एवं पाप पर आग्रह करते हैं स्वाभाविक रूप से ईश्वर उन्हें उनकी स्थिति पर छोड़ देता है।
मई 26, 2020 - 8:31 अपराह्नबहुत से लोग ईश्वर द्वारा दिए गए इस अवसर से अनुचित लाभ उठाते हैं और उसका प्रयोग पाप करने के लिए करते हैं।
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आयत क्या कहती हैं? स्वाभाविक है कि केवल ज़बान से ईश्वर का महिमागान पर्याप्त नहीं है बल्कि इस बात पर भी विश्वास होना चाहिए कि ईश्
मई 20, 2020 - 5:08 अपराह्नईश्वरीय मार्गदर्शन ऐसा प्रकाश है जो ईश्वर ईमान वालों को प्रदान करता है ताकि वे कठिनाइयों के अंधकार के समय पथभ्रष्टता में न फंसे और सही मार्ग का चयन करके उस पर चल सकें।
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आयत क्या कहती हैं? प्रलय में निश्चेतना और संसार का मायामोह व्यक्ति एवं समाज की तबाही का मार्ग प्रशस्त करता है।
मई 19, 2020 - 6:01 अपराह्नस्वभावाविक है कि इस प्रकार के लोग विभिन्न प्रकार की बुराइयों में ग्रस्त हो जाते और प्रलय में नरक में जाएंगे।
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आयत क्या कहती हैं? ये ईश्वर का पक्का वादा है कि वो भले कर्म करने वालों को पारितोषिक और काफ़िरों को दंड देगा।
मई 13, 2020 - 4:42 अपराह्नईश्वर का इन्कार या कुफ़्र, मनुष्य के समक्ष हर प्रकार की बुराई व पाप का द्वार खोल देता है।
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आयत क्या कहती हैं? प्रकृति की समस्त वस्तुओं की प्रगति भी आरंभ से लेकर परिपूर्णता तक, क्रमशः होती है।
मई 12, 2020 - 7:20 अपराह्नईश्वर ने जो एक क्षण में समस्त सृष्टि की रचना करने में सक्षम है, आकाशों और धरती की छह विभिन्न चरणों में रचना की।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर भी बुरी बातों से बचने वालों के पिछले पापों को क्षमा कर देता है और उनके कामों को सुधार देता है।
मई 5, 2020 - 6:19 अपराह्नवास्तव में ईश्वर से भय के परिणामों में से एक बुरी बातों से दूरी और सही व सत्य बातों की ओर उन्मुख होना है।
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आयत क्या कहती हैं? उस समय ऐसा कोई भी नहीं होगा जो उन्हें मुक्ति दिला दे या उनके दंड को कम कर दे।
अप्रैल 29, 2020 - 3:58 अपराह्नवह दंड भी ऐसा होगा कि वे इच्छा करेंगे कि काश वे ईश्वरीय धर्म और उसके पैग़म्बर से इस प्रकार का व्यवहार न करते लेकिन अब इसका कोई लाभ नहीं होगा कि क्षतिपूर्ति का समय गुज़र चुका होगा और तौबा व प्रायश्चित का अवसर नहीं होगा।
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आयत क्या कहती हैं? किसी भी काम के समय का न जानना उसके न होने का प्रमाण नहीं है।
अप्रैल 28, 2020 - 6:46 अपराह्नआयत क्या कहती हैं? किसी भी काम के समय का न जानना उसके न होने का प्रमाण नहीं है।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर अपने बंदों से कहता है कि तुम मुझे याद करो, मैं तुम्हें याद करूंगा।
अप्रैल 11, 2020 - 7:52 अपराह्नजब भी तुम ईश्वर को याद करते हो तो इस बात की ओर से निश्चिंत रहो कि ईश्वर भी तुम्हें याद करता है।
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