पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. फ़रमाते हैं कि दुनिया हासिल करने में दरमियानी रास्ता अपनाओ और लालच से बचो क्योंकि जिसकी क़िस्मत जो लिखा है वह उसे मिल कर रहेगा।
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कंजूसी और कायरता
जून 24, 2014 - 11:23 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः कंजूसी ,कलंक है, और कायरता ऐब है
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ग़ुस्से पर क़ाबू
जून 24, 2014 - 11:22 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम स.अ. फ़रमाते हैं कि सबसे अधिक दूरदर्शी वह है जो अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखे।
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सब्र की भूमिका
जून 24, 2014 - 11:22 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः कामों में सब्र की भूमिका, जिस्म पर सिर की तरह है कि अगर सिर, जिस्म से अलग हो जाए तो जिस्म बेजान हो जाता है उसी तरह अगर काम में सब्र न हो तो काम बर्बाद हो जाते है।
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असमर्थता और सयंम
जून 24, 2014 - 11:21 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः असमर्थता रोग है और सयंम वीरता है।
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जल्दबाज़ी
जून 24, 2014 - 11:21 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं कि लोग जल्दबाज़ी के कारण बर्बाद होते हैं अगर लोग जल्दबाज़ी से दूर रहते तो कोई भी बर्बाद न होता।
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दूसरों को ख़ुद पर प्राथमिकता देना
जून 24, 2014 - 11:20 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम महानता के बारे में कहते हैं "सबसे बड़ी महानता दूसरों को ख़ुद पर प्राथमिकता देना है" ।
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माँ बाप के साथ अच्छा व्यवहार
जून 24, 2014 - 11:20 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जो माँ बाप के साथ अच्छा व्यवहार करेगा उसकी संतान भी उसके साथ अच्छा व्यवहार करेगी।
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अच्छा व्यवहार
जून 24, 2014 - 11:20 अपराह्नलोगों से इस तरह से बात करो जिस तरह तुम यह पसंद करते हो कि लोग तुम्हारे साथ बात करें।
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ग़रीबी
जून 24, 2014 - 11:19 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः ग़रीबी, चालाक को भी अपनी बात कहने से गूंगा कर देती है और ग़रीब अपने देश में ही परदेसी होता है,
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लालच
जून 24, 2014 - 11:19 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः जिसने लालच किया उसने ख़ुद का अपमान किया।
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अक़्लमंद आदमी
जून 24, 2014 - 12:58 पूर्वाह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः अक़्लमंद आदमी वह है जिसकी दुनियावी गतिविधियां आख़ेरत में मिलने वाले पारितोषिक से वंचित न कर दें।
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सबसे महत्वपूर्ण इल्म
जून 24, 2014 - 12:11 पूर्वाह्नइमाम रेज़ा अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि एक आदमी ने पैग़म्बरे इस्लाम स.अ से पूछा कि सबसे महत्वपूर्ण इल्म क्या है तो पैग़म्बरे इस्लाम ने कहाः अल्लाह की ऐसी पहचान जो उसके लाएक़ हो।
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प्राप्त अवसर से फ़ायदा उठाना।
जून 24, 2014 - 12:09 पूर्वाह्नहज़रत अली अ. फ़रमाते हैंः अवसर बादलों की तरह गुज़र जाता है, इसलिये अच्छे अवसर को उपहार समझो।
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सबसे अच्छी दुआ
जून 23, 2014 - 7:02 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम स.अ फ़रमाते हैं कि अल्लाह से गुनाहों की माफ़ी मांगना सबसे अच्छी दुआ है।
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दूसरों से सलाह लेना
जून 23, 2014 - 7:00 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं जो दूसरों से सलाह लेता है वह वास्तव में उसकी जानकारियों का साझीदार बन जाता है।
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सबसे नीच आदमी
जून 16, 2014 - 1:15 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सअ. फ़रमाते हैंः सबसे नीच आदमी वह है जो दूसरों को अपमानित करे।
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स्वतंत्रता
जून 16, 2014 - 1:12 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः जिसे अपनी इच्छाओं पर क़ाबू हो वह सव्तंत्र है।
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मज़ाक़ उड़ाने का नुक़सान
जून 14, 2014 - 11:53 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्स्लाम फ़रमाते हैः जब कोई दूसरे का मज़ाक़ उड़ाता है तो अपनी अक़्ल का एक हिस्सा नष्ट कर देता है।
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दूसरों से सलाह लेना।
जून 14, 2014 - 11:50 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जो आदमी दूसरों से सलाह लेता है वह वास्तव में उनके इल्म में साझीदार बन जाता है।
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इमाम महदी अ.
मैं रसूले इस्लाम (स.) का आख़री उत्तराधिकारी हूँ
जून 13, 2014 - 3:30 अपराह्नइमाम महदी फ़रमाते हैंः मैं रसूले इस्लाम (स.) का आख़री उत्तराधिकारी हूँ और मेरे माध्यम और सदक़े से मेरे शिओं से बलाएं और आपदाएं टल जाती हैं।
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जो भी इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर का इंकार करे, वह काफ़िर है।
जून 13, 2014 - 3:25 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम (स.) फ़रमाते हैं: जो आदमी इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर (प्रकट होने) का इंकार करे, वह काफ़िर है।
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इल्म की ज़कात
जून 12, 2014 - 10:56 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः इल्म की ज़कात, उसका प्रसार है।
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अल्लाह तआला के आदेशों का पालन
जून 12, 2014 - 10:56 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सअ. ने फ़रमायाः अल्लाह तआला के आदेशों का पालन करो, ख़ुद को उसकी कृपा का पात्र बनाओ।
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इमाम महदी (अ.) को झ़ुठलाने वाला काफ़िर है।
जून 12, 2014 - 10:55 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सअ. ने फ़रमायाः जो महदी (अ.) को झ़ुठलाये वह काफ़िर है।
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इमाम महदी अ. को तमाम हालात और परिस्थितियों की ख़बर।
जून 12, 2014 - 10:55 अपराह्नइमाम महदी अ. ने फ़रमायाः हम तुम्हारे हालात और परिस्थितियों की ख़बर रखते हैं और तुम्हारी कोई भी बात हम से छिपी नही है।
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सबसे ज़रुरी सुन्नत
जून 12, 2014 - 10:54 अपराह्नइमाम महदी अ. ने फ़रमायाः हर नमाज़ के बाद शुक्र का सज्दा सबसे ज़रुरी और सबसे वाजिब सुन्नत है।
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इमाम महदी अ. जमीन पर बसने वालों के लिए अमान
जून 12, 2014 - 10:53 अपराह्नइमाम महदी अ. ने फ़रमायाः वास्तव में मैं जमीन पर बसने वाले प्राणियों के लिए अमान हूँ जैसे आसमान वालों के लिए सितारे अमान हैं।
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सुबह की नमाज़ में जानबूझ कर देर करने का नुकसान।
जून 12, 2014 - 10:53 अपराह्नइमाम महदी अ. ने फ़रमायाः अल्लाह की लानत होती है उस इंसान पर जो सुबह की नमाज़ में जानबूझ कर इतनी देर करे कि आसमान से तारे गायब हो जायें और ज़मीन पर रौशनी फैल जाए।
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इमाम महदी के ज़हूर का सही समय केवल अल्लाह तआला जानता है।
जून 12, 2014 - 10:52 अपराह्नइमाम महदी अ. ने फ़रमायाः मेरे ज़हूर का सही समय केवल अल्लाह तआला के इरादे पर निर्भर करता है और वह लोग झूठे हैं जो मेरे ज़हूर का समय निर्धारित करते हैं।
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