इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः कोशिश करो कि तुम्हारी ज़बान दूसरों की बुराई बताने के लिए न चले।
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दूसरों की बुराई फैलाने का नुक़सान।
जुलाई 8, 2014 - 9:42 अपराह्नइमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जो दूसरों की वह बुराई फैलाए जो उनमें हो तो लोग उसके बारे में ऐसी बुराई की बात फैलाएंगे जो उस में नहीं होगी।
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पिछले ज़माने से नसीहत लेना।
जुलाई 7, 2014 - 3:51 अपराह्नइमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः अतीत से दर्स लो और बीते ज़माने के लोगों की निशानियों से नसीहत।
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आत्ममुग्धता
जुलाई 7, 2014 - 2:32 अपराह्नइमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः आत्ममुग्धता से ज़्यादा डरावनी कोई तंहाई नहीं।
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इल्म बाटना।
जुलाई 7, 2014 - 12:12 पूर्वाह्नइमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः अपना इल्म दूसरों को दो और दूसरों का इल्म ख़ुद हासिल करो।
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लोगों की टोह में न रहना।
जुलाई 6, 2014 - 9:52 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लोगों के कामों की टोह में न रहो वरना कोई तुम्हारा दोस्त नहीं बनेगा।
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तीन गुण जो दोस्त बनाते हैं।
जुलाई 6, 2014 - 9:51 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः तीन गुण, दोस्त बनाते हैं, सदाचार, विनम्रता और दानशीलता।
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ऐसी इच्छा जो अपमानित कर दे।
जुलाई 6, 2014 - 8:21 अपराह्नइमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः मोमिन के लिए ऐसी इच्छा रखना कितना बुरा है जो उसे अपमानित कर दे।
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दूरदर्शिता
जुलाई 3, 2014 - 10:45 अपराह्नइमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः दूरदर्शिता यह है कि हमेशा अवसर उपलब्ध होने के इंतेज़ार में न रहो बल्कि अपनी ओर से सक्रियता दिखाओ।
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उपदेश व शिक्षाप्रद बाते।
जुलाई 3, 2014 - 9:48 अपराह्नइमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः सब से ज़्यादा सुनने वाले कान वह हैं जो उपदेश व शिक्षाप्रद बातों पर ध्यान दें।
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भलाई व बुराई
जुलाई 3, 2014 - 9:48 अपराह्नइमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः जो कोई भलाई के बीज बोता है वो ख़ुशी काटता है और जो बुराई के बीज बोता है वो पश्चाताप काटता है।
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कौन सा काम किया जायेगा।
जुलाई 3, 2014 - 9:48 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः आज दुनिया में वह काम करो जिसके माध्यम से तुम्हें क़यामत में आराम की उमीद की हो।
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इल्म जिसका प्रसार न किया जाए।
जुलाई 3, 2014 - 9:47 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जिस इल्म का प्रसार न किया जाए वह उस दिये की तरह है जिसे ढांक दिया जाए।
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राज़ की बात।
जुलाई 3, 2014 - 5:26 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जो बात एक से दो तक पहुंची, उससे सब अवगत हो जाएंगें।
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मुनाफ़िक़ की पहचान।
जून 30, 2014 - 11:10 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहे व आलेही व सल्लमः पाखंडी (मुनाफ़िक़) की तीन पहचान हैः झूठ बोलता है, वादा पूरा नहीं करता और अमानत में ख़यानत करता है।
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गुनाह
जून 30, 2014 - 11:09 अपराह्नइमाम रज़ा अलैहिस्सलाम फरमाते हैंः जो छोटे गुनाह करते वक़्त अल्लाह से नहीं डरता वह बड़े गुनाह करते वक़्त भी अल्लाह से नहीं डरेगा।
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बुराइयों से दूरी
जून 30, 2014 - 11:08 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि बुराइयों से दूरी अच्छे काम करने से बेहतर है।
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हज और उमरा
जून 30, 2014 - 11:07 अपराह्नहज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि हज और उमरा करने वाला ख़ुदा का मेहमान है और ख़ुदा गुनाहों की माफ़ी की शक्ल में उसे तोहफ़ा देता है।
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दूसरों के ऐब से पहले अपने ऐब पर नज़र.
जून 30, 2014 - 11:05 अपराह्नहज़रत इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि इंसान के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद चीज़ यह है कि वह दूसरों के ऐब व कमियों पर नज़र डालने से पहले अपने ऐब व कमी पर नज़र रखे।
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दुनिया में अधिक ज़िन्दगी पाने का राज़
जून 30, 2014 - 11:05 अपराह्नइमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम फ़रमाते है कि जो शख़्स अपने घरवालों और भाइयों के साथ नेकी करे तो उसकी ज़िन्दगी बढ़ जाएगी।
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गुनाह से बचना।
जून 30, 2014 - 11:04 अपराह्नइमाम रज़ा अलैहिस्सलामः जो लोगों के बीच इज़्ज़त व शोहरत चाहता है उसे तन्हाई और सबके सामने दोनों ही हालत में गुनाह से बचना चाहिए।
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मोमिन व मुनाफ़िक़ में अंतर।
जून 30, 2014 - 11:03 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम स.अ फ़रमाते हैं कि मोमिन पहले सलाम करता है जबकि मुनाफ़िक़ कहता हैः मुझे सलाम किया जाए।
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सदक़ा
जून 30, 2014 - 11:03 अपराह्नइमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि सदक़ा सुबह जल्दी दिया करो कि इससे इबलीस का चेहरा काला हो जाता है।
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सबसे अच्छी मीरास
जून 26, 2014 - 8:44 अपराह्नइमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः सबसे अच्छी चीज़ जो बाप अपने बेटों के लिए मीरास के रूप में छोड़ता है वह शिष्टाचार है न कि माल-दौलत, क्योंकि माल-दौलत चला जाता है लेकिन शिष्टाचार बाक़ी रहता है।
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मोमिन की नजात
जून 26, 2014 - 8:43 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम फ़रमाते हैः मोमिन की नजात अपनी ज़बान को क़ाबू रखने में है।
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पाक मन
जून 26, 2014 - 8:02 अपराह्नइमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः अगर आदमी का मन पाक हो जाए तो उसका व्यवहार मज़बूत हो जाता है।
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सबसे अच्छा भाई
जून 26, 2014 - 7:08 अपराह्नइमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः तुमहारा सबसे अच्छा भाई वह है जो तुम्हारी ग़ल्तियों को भुला दे और तुम्हारे उपकार को हमेशा याद रखे।
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अमानत का महत्व
जून 25, 2014 - 11:23 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम स.अ फ़रमाते हैं जिसने तुम्हें ईमानदार समझ कर तुम्हारे पास अमानत रखवाई, उसे वापस लौटा दो और अगर किसी ने तुम्हारे साथ बेईमानी की है तो तुम उसके साथ बेईमानी मत करो।
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उम्मीद की अहमियत
जून 25, 2014 - 11:21 अपराह्नपैग़म्बर इस्लाम फ़रमाते हैं कि उम्मीद वास्तव में अल्लाह की ओर से मेरी उम्मत के लिए कृपा है। अगर उम्मीद न होती तो कोई मां अपने बच्चे को दूध न पिलाती और कोई बाग़बान बाग़ न लगाता।
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मज़लूम की बददुआ का असर
जून 24, 2014 - 11:24 अपराह्नपैग़म्बरे इस्लाम स.अ. फ़रमाते हैं कि पीड़ित (मज़लूम) की बददुआ से डरो कि उसकी बददुआ आग की तरह आसमान में जाती है।
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