सही मानों में शरीफ़ वही है जिसका इल्म उसे शरीफ़ बनाए।
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मां का महत्व।
अगस्त 2, 2014 - 9:50 अपराह्नमां ही है जो अपनी तरबियत से औलाद की दुनिया व आख़िरत के सौभाग्य को तय करती है।
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छोटे दिखने वाले गुनाह।
अगस्त 2, 2014 - 9:50 अपराह्नछोटे दिखने वाले गुनाहों से बचो।
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जेहालत का नुक़सान
जुलाई 31, 2014 - 11:53 अपराह्नजेहालत का नुक़सान
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सबसे अच्छा दान
जुलाई 31, 2014 - 11:42 अपराह्नसबसे अच्छा दान
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नामहरम मर्द व औरत।
जुलाई 31, 2014 - 9:01 अपराह्ननामहरम मर्द व औरत।
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ज़कात देने का फ़ायदा।
जुलाई 31, 2014 - 8:59 अपराह्नज़कात देने का फ़ायदा।
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रोज़ेदार का महत्व।
जुलाई 24, 2014 - 10:28 अपराह्नभाग्यशाली हैं वह जो ख़ुदा की खातिर भूखे और प्यासे रहते हैं यह लोग क़यामत के दिन सैराब होंगे।
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दिल का रोज़ा।
जुलाई 23, 2014 - 9:53 पूर्वाह्नदिल का रोज़ा ज़बान के रोज़े से बेहतर है और ज़बान का रोज़ा पेट के रोज़े से बेहतर है।
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रमजान का महत्व।
जुलाई 17, 2014 - 11:11 अपराह्नअगर ख़ुदा का बंदा जान लेता कि रमजान में है (क्या बरकतें और क्या रहमतें हैं) तो पूरे साल रमजान बाकी रहने की तमन्ना करता।
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इफ़्तारी देने का सवाब।
जुलाई 17, 2014 - 11:11 अपराह्नजो किसी रोज़ेदार को इफ़्तार कराए उसे इस रोज़ेदार की तरह सवाब मिलेगा।
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रोज़ेदारों की दुआ किस समय क़बूल होती है?
जुलाई 17, 2014 - 11:11 अपराह्नरोज़ेदारों की दुआ इफ़्तार के समय क़बूल होती है।
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शबे क़द्र हजार रातों से बेहतर
जुलाई 17, 2014 - 11:11 अपराह्नकैसे शबे क़द्र हजार रातों से बेहतर है? आपने फ़रमाया कि उस रात एक नेक काम का इनाम दूसरे महीनों (जिनमें शबे क़द्र न हो) में हजार नेक कामों से बेहतर है.
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निर्णायक रात।
जुलाई 17, 2014 - 11:11 अपराह्नसाल की शुरुआत लैलतुल क़द्र है जिसमें अगले साल तक होने वाली सभी चीजें लिख दी जाती हैं।
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रोज़ा जहन्नम की आग के लिए ढाल है।
जुलाई 16, 2014 - 8:15 अपराह्नरोज़ा जहन्नम की आग के लिए ढाल है. यानी रोज़े के माध्यम से इंसान जहन्नम की आग से सुरक्षित रहेगा।
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गर्मियों में रोज़ा रखना जेहाद है।
जुलाई 15, 2014 - 11:19 अपराह्नपैगम्बरे इस्लाम (स.) फ़रमाते हैं: गर्मियों में रोज़ा रखना जेहाद है।
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रोज़ा क्यूं वाजिब किया गया?
जुलाई 15, 2014 - 11:19 अपराह्नअल्लाह ने रोज़ा इसलिए वाजिब किया है ताकि उसके माध्यम से बन्दों की निष्ठा का इम्तेहान लिया जाये।
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।रमजान अल्लाह का महीना
जुलाई 15, 2014 - 11:19 अपराह्नरमजान अल्लाह तआला का महीना है और शाबान रसूले ख़ुदा का और रजब का महीना मेरा महीना है।
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सबसे बड़ा गुनाह
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः अत्याचार करने से दूर हो क्योंकि अत्याचार सबसे बड़ी अवज्ञा और सबसे बड़ा गुनाह है।
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सफलता की कुंजी
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः धैर्य व संयम सफलता की कुंजी है।
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ज़्यादा ग़ुस्से का नुक़सान।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः जल्दी ग़ुस्सा हो जाने से ज़िंदगी कठिन हो जाती है।
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अच्छाई को ख़राब करने वाली चीज़।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः थोड़ी सी लालच बड़ी से बड़ी अच्छाई को ख़राब कर देती है।
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दीन को नष्ट करने वाली चीज़।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लालच की तरह कोई दूसरी चीज़ दीन को ख़राब नहीं करती।
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लालची ऐसा ग़लाम है......
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लालची ऐसा दास व ग़ुलाम होता है जिसे कभी भी आज़ाद नहीं किया जा सकता।
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लालच का फ़ल
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नतौबाइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लालच का फ़ल दुनिया व आख़िरत में अपमानित होना है।
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लालच हमेशा की ग़ुलामी।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लालच हमेशा की ग़ुलामी है।
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लालच का नुक़सान।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः लालच इंसान को अपमानित करती है।
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सबसे ज़्यादा बुरी चीज़।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः सबसे ज़्यादा बुरी चीज़ लालच है।
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सबसे हानिकारक चीज़।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः सबसे हानिकारक चीज़ लालच है।
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सबसे विनाशकारी चीज़।
जुलाई 14, 2014 - 7:14 अपराह्नइमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः सबसे विनाशकारी चीज़ लालच है।
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