AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

8 मई 2024

8:58:29 am
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शरहे हदीस

शिया का इम्तेहान और इमाम सादिक़ अ.स.

नमाज़ के वक़्त को अहमियत देते हैं या नही ? काम के वक़्त नमाज़ को टालते हैं या काम को ?कुछ लोग मानते हैं कि नमाज़ ख़ाली वक़्त के लिए है और कहते हैं कि अव्वले वक़्त रिज़वानुल्लाह व आख़िरि वक़्त ग़ुफ़रानुल्लाह।

اِمتَحِنـوا شيعَتَنـا عِندَ ثَـلاثٍ : عِندَ مَواقيتِ الصَّلاةِ كَيفَ مُحافَظَتُهُم عَلَيها ، وعِندَ أسرارِنا كَيفَ حِفظُهُم لَها عَن عَدُوِّنا ، وإلى

أموالِهِم كَيفَ مُواساتُهُم لاِءِخوانِهِم فيها

हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया

 हमारे शियों का नमाज़ के वक़्त इम्तेहान करो कि नमाज़ को किस तरह अहमियत देते हैं और यह कि दुश्मन के सामने हमारे मक़ामात और राज़ों को बयान नही करते । इसी तरह उनका माल में इम्तेहान करो कि अपने दूसरे भईयों की किस तरह मदद करते हैं।

व्याख्या : यानी नमाज़ के वक़्त को अहमियत देते हैं या नही ? काम के वक़्त नमाज़ को टालते हैं या काम को ?कुछ लोग मानते हैं कि नमाज़ ख़ाली वक़्त के लिए है और कहते हैं कि अव्वले वक़्त रिज़वानुल्लाह व आख़िरि वक़्त ग़ुफ़रानुल्लाह।

नमाज़ की अहमियत के बारे में हज़रत अली अलैहिस्सलाम मालिके अश्तर को ख़िताब करते हुए फ़रमाते हैं कि “इजअल अफ़ज़ला अवक़ातिक लिस्सलाते। ” यानी अपना बेहतरीन वक़्त नमाज़ के लिए क़रार दो।