संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हैली ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन फ़य्याज़ सलाम को लीबिया के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष टीम का अध्यक्ष नियुक्त करने की पेशकश से मायूस है। हैली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से फिलिस्तीन के मुक़ाबले में हमारे सहयोगी राष्ट्र इस्राईल से नाइंसाफी करता आ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हैली ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन फ़य्याज़ सलाम को लीबिया के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष टीम का अध्यक्ष नियुक्त करने की पेशकश से मायूस है। हैली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से फिलिस्तीन के मुक़ाबले में हमारे सहयोगी राष्ट्र इस्राईल से नाइंसाफी करता आ रहा है।
हम फ़य्याज़ की नियुक्ति का समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि फिलिस्तीन के पास संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता नहीं है। यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब संयुक्त राष्ट्र के १९३ सदस्यों में से १३७ सदस्य देश फिलिस्तीन को मान्यता देते हैं।
ज्ञात रहे कि अमेरिका ने फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है। हैली ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के लिए सिर्फ बाते नहीं करता बल्कि काम कर के भी दिखता है। ६४ वर्षीय फ़य्याज़ २००७ से २०१३ तक फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री तथा दो बार वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र जनरल सेक्रेटरी ने सुरक्षा परिषद को शुक्रवार तक इस फिलिस्तीनी अधिकारी के बारे में अपना मत बताने के लिए कहा था।
फ़य्याज़ को २०१५ से लीबिया में कार्यरत जर्मन अधिकारी मार्टिन कॉब्लर की जगह लेनी है। संयुक्त राष्ट्र में ज़ायोनी दूत ने अमेरिका की सराहना करते हुए इसे नए सम्बन्धों की शुरुआत तथा ज़ायोनी राष्ट्र को अमेरिका से मिलने वाला हर प्रकार का भरपूर समर्थन बताया है।